US: वायरस के बाद हिंसा का कर्फ्यू, 17 हजार सैनिक तैनात

US: वायरस के बाद हिंसा का कर्फ्यू, 17 हजार सैनिक तैनात
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वॉशिंगटनअमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के बीच अश्वेत नागरिक () की मौत के बाद हिंसा का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। राष्ट्रपति () ने इन हिंसक प्रदर्शनों को घरेलू आतंकवाद करार दिया है। फ्लॉयड की मौत के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों की आग अमेरिका (America Riots) के 140 शहरों तक पहुंच गई है। इसे देश में पिछले कई दशकों में सबसे खराब नागरिक अशांति माना जा रहा है। हिंसा से बिगड़ते हालात के मद्देनजर ट्रंप प्रशासन ने देश के 24 राज्यों में नैशनल गार्ड के करीब 17,000 सैनिकों की तैनाती कर दी है।

इस बीच, ने कहा है कि हिंसा, लूट, अराजकता और अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वाइट हाउस (White House) की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि हम अमेरिका की सड़कों पर जो देख रहे हैं, वह मंजूर नहीं है। ये आपराधिक कृत्य प्रदर्शन नहीं हैं और न ही अभिव्यक्ति हैं। ये महज अपराध हैं जो बेकसूर अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’ न्यू यॉर्क से लेकर दक्षिण में ऑस्टिन तक और पूर्व में वॉशिंगटन डीसी से लेकर पश्चिम में लॉस एंजिलिस तक कई प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है।

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प्रेस सचिव ने बताया कि 24 राज्यों में नैशनल गार्ड के करीब 17,000 सैनिकों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा, ‘कुल 3,50,000 नैशनल गार्ड उपलब्ध हैं और अराजकता के लिए और कदम उठाए जाएंगे। देशभर के गवर्नरों को कार्रवाई करनी होगी। उन्हें नैशनल गार्ड की तैनाती करनी होगी क्योंकि यह अमेरिकी समुदायों को बचाने के लिए जरूरी है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि अगर राज्यों के गवर्नर हिंसक प्रदर्शनकारियों को काबू करने में नैशनल गार्ड का इस्तेमाल नहीं करते हैं और शांति कायम रखने में असफल रहते हैं, तो वह सड़कों पर सेना की तैनाती का आदेश देंगे।

ह्यूस्टन पुलिस चीफ ने कहा, ‘…तो अपना मुंह बंद रखें ट्रंप’
अमेरिका में हिंसक प्रदर्शनों के बीच ह्यूस्टन के पुलिस चीफ ने राष्ट्रपति ट्रंप से अपना मुंह बंद रखने के लिए कहा है। ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना की तैनाती की चेतावनी दी है। इससे पहले उन्होंने गोली मारने की बात कही थी। इस पर ह्यूस्टन के पुलिस चीफ ने कहा कि अगर आपके पास इस मुद्दे से निपटने का कोई अच्छा सुझाव नहीं है, तो कृपया अपना मुंह बंद रखें। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘आप लोगों को खतरे में डाल रहे हैं। यह समय लोगों का दिल जीतने का है न कि उन्हें धमकी देने का। पूरे देश में पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं, लोग जख्मी हुए हैं। लेकिन नेतृत्व हमें दुखी कर रहा है। अगर कुछ अच्छा बोलने के लिए नहीं है तो कृपया अपना मुंह बंद रखिए। आप एक राष्ट्रपति हैं और उस हिसाब से फैसले लीजिए। यह वास्तविक जीवन है और यह खतरे में है।’

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