कोरोना: भूखे बच्चे, पत्थर उबालने को मजबूर मां

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मोम्बासा
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन है। ऐसे में उस तबके का नुकसान सबसे ज्यादा हो रहा है जिसकी रोजी-रोटी दूसरों के घरों में जाकर काम करने से मिल पाती थी। केन्या के मोम्बासा काउंटी में रहने वाली पेनिनाह किटसाओ कोरोना की त्रासदी में दो वक्त की रोटी को तरस रहीं ऐसी ही मां हैं जिन्हें अपने बच्चों की भूख मिटाने के लिए पत्थरों को ही उबालने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बचा था एक ही रास्ता…
पेनिनाह दूसरों के घरों में कपड़े धोती थीं। कोरोना फैलने के साथ ही लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए और पेनिनाह का रोजगार भी बंद हो गया। उन्हें लगा था कि शायद यह इन्फेक्शन जल्द ही खत्म हो जाएगा और हालात बेहतर हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। धीरे-धीरे उनके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया। उनके मासूम बच्चे पेट भरने के लिए उनकी ओर देख रहे थे, तब पेनिनाह के पास एक ही रास्ता बचा, नाटक करने का।

…इंतजार करते हुए सो जाते
पेनिनाह ने एनटीवी को बताया, ‘मेरे पास बच्चों को खिलाने के लिए कुछ नहीं था तो मैंने बर्तन में पत्थर रखकर उन्हें उबालना शुरू कर दिया ताकि मेरे बच्चों को लगे कि उनके लिए कुछ पक रहा है। खाने का इंतजार करते-करते बच्चे थककर भूखे पेट ही सो जाते थे।’ हालांकि, कुछ वक्त बाद ही बच्चों को समझ में आ गया कि उनकी मां खाना पकाने का नाटक कर रही हैं।

मदद को आगे बढ़े हाथ
मोमबासा के गवर्नर हसन जोहो ने ऐलान किया था कि पेनिनाह जैसे लोगों को खाना दिया जाएगा लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। एनटीवी के इंटरव्यू के बाद सोशल मीडिया पर पेनिनाह का दर्द पहुंचा जिससे मदद को हाथ आगे बढ़े हैं। लोग उनके घर खाना और जरूरी सामान भी पहुंचा रहे हैं। हालांकि, इसके साथ ही सरकार और प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोगों का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया पर बात फैलने के बाद अधिकारी पेनिनाह के घर मदद करने जाते हैं ताकि अपनी तस्वीरें खिंचवा सकें।

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