उन्नाव दुष्कर्म : हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सख्त टिप्पणी- यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त

उन्नाव दुष्कर्म : हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की सख्त टिप्पणी- यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त
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इलाहाबाद । उन्नाव में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर आज बहस पूरी हो गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले ने आज उत्तर प्रदेश सरकार पर बेहद सख्त टिप्पणी करने के साथ ही इस बहस पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है। इस मामले में फैसला कल दोपहर दो बजे बाद सुनाया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के साथ न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया है।

उन्नाव में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में बहस पूरी हो गई है। बहस के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। हाईकोर्ट कल दोपहर दो बजे के बाद अपना फैसला सुनाएगा। आज बहस के दौरान चीफ जस्टिस डीबी भोंसले ने मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता छह महीने तक इंसाफ की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उसके पिता की मौत के बाद उन्नाव पुलिस की नींद टूटी।

महाधिवक्ता से चीफ जस्टिस ने पूछा कि आप सरकार की तरफ से हैं या आरोपी की तरफ से है। इससे पहले लंच के बाद सुनवाई में राज्य सरकार के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म के में विधायक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। इसमें पर्याप्त साक्ष्य होने पर कार्रवाई होगी। महाधिवक्ता ने कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने की बात कही। सरकार के इस जवाब पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सवाल किया क्या पुलिस हर मामले में इसी तरह पहले साक्ष्य जुटाती है। इसके बाद न्यायमित्र जीएस चतुर्वेदी कोर्ट ने भी अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया।

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